मेरा तो जीने में दम घुटता है मेरा सवाल है कि मरने से क्या होगा...!! मेरा तो जीने में दम घुटता है मेरा सवाल है कि मरने से क्या होगा...!!
जीना मरना सबको है, मरने को क्या डरना है ! जीना मरना सबको है, मरने को क्या डरना है !
सोच रहा हुँ थोड़ा बदल के देखूँ फर्ज़ की क़ैद से निकल के देखूँ। सोच रहा हुँ थोड़ा बदल के देखूँ फर्ज़ की क़ैद से निकल के देखूँ।
यह ज़िन्दगी है कई रंग दिखलायेगी । यह ज़िन्दगी है कई रंग दिखलायेगी ।
I am deleting my poems. I am deleting my poems.
काश! एक और जिंदगी मिले, कही अचानक राहों में जिंदगी मिले,।। काश! एक और जिंदगी मिले, कही अचानक राहों में जिंदगी मिले,।।